पति पत्नी के झगड़े में किसी तीसरे ने दखलअंदाजी करना क्या सही है?
आप क्या सोचते है ? पति पत्नी के झगड़े में किसी तीसरे ने दखलअंदाजी करना क्या सही है?
पति पत्नी के बीच, छोटी मोटी नोकझोंक आम बात है। लेकिन तीसरे व्यक्ति की दखलअंदाजी,
किस हद तक सही है। आइए देखते हैं…
कहा जाता है कि, पति पत्नी के बीच नोकझोंक से प्यार बढ़ता है। और यह बात, काफी हद तक सही भी है।
हालांकि कई बार झगड़ा बढ़ जाने से, रिश्ते बदतर भी हो जाते हैं। वैसे तो ऐसे मामले में,
पति पत्नी एक दूसरे के लिए अच्छे सलाहकार है। क्योंकि छोटा मोटा झगड़ा, अगर दोनों के बीच
में ही रहे तो ज्यादा अच्छा है।
लेकिन कई बार, यह बड़े लड़ाई झगड़े का रूप भी ले लेता है। ऐसे में तीसरे व्यक्ति का प्रवेश,
होना आम बात है। परंतु क्या यह अनचाही एंट्री, आपके रिश्ते के लिए सही होगी। आइए करते हैं,
इस विषय पर चर्चा।
पति पत्नी के झगड़े में किसी तीसरे ने दखलअंदाजी करना क्या सही है?
शादीशुदा जिंदगी में, प्यार भरी तकरार होती रहती है। क्योंकि, यह प्यार की निशानी भी है।
अगर हल्की फुल्की तकरार में भी, कोई तीसरा व्यक्ति बिन बुलाए एंट्री करता है। तो समझ जाइए कि,
वह खतरे की घंटी है। बेशक यह व्यक्ति, आपकी छोटी सी तकरार को बहुत बड़ा रूप दे देगा।
और ऐसा भी हो सकता है कि वह जानबूझकर, आपके रिश्ते में दखलअंदाजी कर रहा हो।
ताकि आप दोनों में, झगड़ा बढ़ाकर दूरियां पैदा कर सकें।
तो ऐसे मामले में आपको, सावधान रहने की जरूरत है। अपने रिश्ते में समझदारी दिखाते हुए,
किसी भी व्यक्ति को दखलंदाजी ना करने दे। ऐसे में दखलअंदाजी करने वाले को, विनम्र आग्रह करें।
ताकि वह आगे से, आपके झगड़े में आने की कोशिश ही ना करें।
हालांकि, यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है। कि यह तीसरे व्यक्ति की दखलअंदाजी, हमेशा आपके
रिश्ते को बिगाड़ ही दें। कई बार आप का रिश्ता, ऐसे मोड़ पर पहुंच जाता है। जहां किसी
तीसरे व्यक्ति की दखलअंदाजी, आपके लिए मददगार भी हो सकती हैं।
पति पत्नी के बीच का झगड़ा
अगर दोनों में से, झगड़े की वजह कोई एक है। लेकिन आप दोनों ही, सामंजस्य नहीं बिठा पा रहे हैं।
यकीनन आपको दूसरे व्यक्ति की, मदद ले लेनी चाहिए। क्योंकि हो सकता है, कि किसी के समझाने
पर आपका साथी अपनी गलती मान जाए। और आपके रिश्ते में, बढ़ती दरार खत्म हो जाए।
यदि पति पत्नी के बीच का झगड़ा, मामूली झगड़ा नहीं रहा। और अब, यह हिंसात्मक रूप ले गया है।
तो ऐसे में तीसरे व्यक्ति की दखलअंदाजी मैं, बिल्कुल देरी ना करें। क्योंकि अब आप की अपनी कोशिश,
कोई रंग नहीं लाने वाली है। अब या तो आप चुपचाप, सब कुछ सहन करते रहे। या फिर अपने
किसी परिचित को, इस बात से अवगत करा दें।
हालांकि इस हिंसात्मक झगड़े को चुपचाप सहन करना, तो कदापि समझदारी नहीं लगती। और
आपको, ऐसा करना भी नहीं चाहिए। क्योंकि यह झगड़ा कभी, खत्म नहीं होने वाला है। अपितु आपको,
इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है। ऐसे में यदि कोई दूसरा व्यक्ति, दखलअंदाजी देगा।
तो ही आपकी जिंदगी में, कुछ सुधार आने की गुंजाइश है।
ऐसा बिल्कुल नहीं है, कि किसी की दखलंदाजी से आपका झगड़ा हमेशा गलत दिशा में जाए।
कई बार परिस्थिति के हिसाब से, फैसला लेना पड़ता है। किसी बाहर के व्यक्ति की दखलअंदाजी,
आपके रिश्ते को पटरी पर भी ला सकती है। तो यह देखना आपको है, कि आपको कब दूसरे
व्यक्ति की दखलअंदाजी चाहिए। और कब आपको खुद ही, आपसी झगड़े को स्कूल सुलझाना है।