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सगाई तोड़ने पर भी क्या कानूनी कार्रवाई होती है?

– मेरी हाल ही में सगाई हुई है। लड़की ने पहले मुझे शैक्षिक प्रमाण पत्र नहीं दिखाया था। अब बहुत मुश्किल से दिखाया है। तो मुझे पता चला है कि लड़की मुझसे 4 साल बड़ी है और उसकी सभी डिग्री प्राइवेट हैं। इसलिए अब मैं रिश्ता तोड़ना चाहता हूँ। क्या अब लड़की वाले कोई कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं? क्या सगाई तोड़ देने से दहेज का मुकदमा बन सकता है?

सगाई तोड़ने पर भी क्या कानूनी कार्रवाई होती है?

सगाई करने के बाद रिश्ता तोड़ने पर कानूनी रूप से कार्रवाई तो आप पर होगी ही। साथ ही आप को लड़की वाले को मुआवजा भी देना पड़ेगा। कारण हमारे देश में सगाई का मतलब ही होता है। आधी शादी और आधी शादी करके सगाई तोड़ने की बात करेंगे। तो कानून तो आपको अपराधी मानेगा ही ना धोखाधड़ी का केस चलेगा आपके ऊपर। ऐसा क्यों आइए जानते हैं-

सबसे बड़ी गलती यहां पर आपकी है

किसी के साथ आपका संबंध जुड़ रहा है और आप उस व्यक्ति के बारे में कुछ भी नहीं जान कर। उससे सगाई कर लेते हैं और जब आपको सच्चाई पता चलती है। तो आप उसे उस रूप में स्वीकार करने के बजाय उससे रिश्ता तोड़ने की बात कर रहे हैं। जितनी गलती लड़की की है यहां पर उससे कहीं ज्यादा गलती आपकी है। आपने सगाई करने से पहले उनसे उनके सर्टिफिकेट देखने को नहीं मांगा और मांगा भी तो उन्होंने नहीं दिखाया। तब तो इंतजार करना चाहिए था। जब तक वह आपको सर्टिफिकेट नहीं दिखाती। तो आपको सगाई नहीं करनी चाहिए थी। लेकिन आपने भी तो ऐसा नहीं किया। तो गलती यहां पर आकर आपकी भी है।

किस प्रकार होगी आप पर कानूनी कार्यवाही। आइए जानते हैं-

धोखाधड़ी का केस लगेगा आपके ऊपर

यदि आपने अभी लड़की से अपना रिश्ता तोड़ दिया और शादी करने से इंकार कर दिया। तो लड़की के घरवाले आप पर धारा 420 लगा देंगे जिसके तहत आप पर एक फ्रॉड केस का आरोप लगेगा। फिर कोर्ट में इस बात की कार्रवाई होगी। किसी से सगाई कर उसे शादी करने से मना करना 1 गुनाह ही है।

साथ ही अदालत आपको लड़की वालों को मुआवजा देने को कहेगी

आपकी शादी जिससे होने वाली थी। कहने को मतलब आपने जिस से सगाई की थी। उस लड़की के घर वाले ने सगाई वाले दिन जितना भी खर्च किया था। उस पूरे खर्चे को आप को लड़की वाले को वापस करना पड़ेगा। तब जाकर आपका केस थोड़ा हल्का होगा। मान लीजिए की सगाई वाले दिन लड़की वालों ने ₹400000 खर्च किए थे। तो अदालत भी आपको ₹400000 रूपए लड़की वालों को देने के लिए कहेंगे।

आप उच्च न्यायालय का सहारा ले सकते हैं 

यदि आप एक निचली अदालत के फैसले से खुश नहीं है। तो आप उच्च न्यायालय में भी अर्जी लगा सकते हैं। लेकिन मुआवजा देने के लिए उच्च न्यायालय भी कहेगा। हमारे समाज में बेटी के रिश्ते को अनावश्यक तोड़ना गलत माना जाता है।

लड़की की एक ही गलती है कि उसने शादी से पहले आपको अपना सर्टिफिकेट नहीं दिखाया था। लेकिन गलती आपकी भी है कि आपने इंतजार नहीं किया सर्टिफिकेट देखने तक का और आपने सगाई कर ली। जब बात शादी से पहले आपके सामने आई तो आप अब उसे मना कर रहे है।  तो गलती यहां पर आप की ही है।

निष्कर्ष

आप किसी को उसके उम्र बड़ी होने पर एवं डिग्री प्राइवेट होने पर ठुकरा रहे हैं। अदालत आप के मामले में आपको ही दोषी ज्यादा करार देगी। इस परिस्थिति में आपके पास एक ही रास्ता बसता है। या तो आप सगाई के बाद शादी कर लीजिए या फिर सगाई तोड़ने के बाद लड़की वालों को पूरा खर्चा दे दीजिए। जिससे वह भी खुश और आप भी केस मुक्त हो जाएंगे।

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