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ऐसे चलता है पुरुष देह व्यापार का धंधा |10000/- में लगती है मर्दों की बोली

ऐसे चलता है पुरुष देह व्यापार का धंधा |10000/- में लगती है मर्दों की बोली। दोस्तों भारत देश में अभी सबसे ज्यादा समस्या युवा बेरोजगारों की है। जो नौकरी की तलाश में दर-दर भटकते रहते हैं। लेकिन चाह कर भी उन्हें उनके शिक्षागत योग्यता या उनके मेहनत के बल पर कोई नौकरी नहीं देता है। ऐसे में यह वापस ज्यादा परेशान हो जाते हैं और अंत में उनके लिए आत्महत्या ही बचा रहता है। जिसे वह खुशी-खुशी स्वीकार कर अपनी जान को त्याग कर देते हैं। गंदा है पर धंदा है

मुंबई में कहां लगती है मर्दों की बोली?

लेकिन वही हमारे भारत देश में कुछ ऐसे युवा भी है। जो नौकरी की तलाश करने में अपनी हर कोशिश को जारी रखते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है और इसी कोशिश में यह युवा बेरोजगार निकल पड़ते हैं। नौकरी की तलाश में और जब उन्हें नौकरी नहीं मिलती है। ऐसे चलता है पुरुष देह व्यापार का धंधा |10000/- में लगती है मर्दों की बोली

नौकरी की तलाश में जिगोलो बॉय बनते हैं लड़के

तब उनके पास एक ही रास्ता बचता है कि वह खुद को किसी और के हवाले कर दें। इन्हीं युवाओं के कारण ही आज हमारे भारत देश में भी जिगोलो मार्केट जाना जाता है। ऐसे चलता है पुरुष देह व्यापार का धंधा |10000/- में लगती है मर्दों की बोली

जहां पर युवा लड़कों को बड़े-बड़े घर की औरतें बोली लगाकर खरीदती हैं। फिर उनके साथ जो मन करता है। वह करती है और बदले में उन्हें इतने सारे पैसे देती है जिसकी वह कल्पना कभी नहीं कर सकते हैं। वह भी 1 दिन में। aise chalta hai purush deh vyapar ka dhanda. 10000/- me lagti hai mardo ki boli

एक दिन की कमाई महीने भर की कमाई जैसी होती है

जरा सोचिए जो व्यक्ति एक दिन में अपने को किसी और को सौंपकर पैसा अपने उम्मीद से भी ज्यादा कमा लें। वह व्यक्ति भला नौकरी क्यों करें। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं जिगोलो मार्केट की। अभी तक तो आपने दिल्ली के जिगोलो मार्केट के बारे में सुना होगा।

लेकिन बहुत कम लोगों को ही पता है। मुंबई के जिगोलो मार्केट के विषय में। जहां पर भी आधी रात को मर्दों की बोली लगाई जाती है। उन्हें औरतें खरीद कर या उन्हें 1 दिन के लिए किराए पर लेकर के जाती है और अपने मन अनुसार उनसे वह सब कार्य करवाती हैं। जो वह चाहती हैं।

अब प्रश्न यह उठता है कि ऐसे बेरोजगार युवाओं को ऐसे बाजार के बारे में पता कैसे चलता है। क्या उन्हें कोई आकर बताता है या फिर वह खुद ऐसे मार्केट के बीच खुद को बेचने चले जाते हैं। यह एक बहुत बड़ा सवाल है।

जिगोलो में खतरा भी है

बहुत सारे रिसर्च के बाद हमें यह पता चला है कि जिगोलो मार्केट में इन युवाओं को अक्सर वेबसाइट से या उनके अपने दोस्तों से या किसी सूत्रों के माध्यम से पता चलता है।  वह अपनी मर्जी से इस काम को शुरू करते हैं। लेकिन जब उन्हें पैसे मिलने लगते हैं। तो वह डरकर नहीं बल्कि बहुत ही बोल्डनेस के साथ इस कार्य को अंजाम देते हैं और सच मानिए मुंबई में जिगोलो मार्केट जहां पर मर्दों की बोली लगती है।

वहां पर आने वाले सभी मर्द ज्यादातर यंग होते हैं और वह सब मुंबई में कभी ना कभी अपने सपने को साकार करने के लिए आए थे।  पैसा कमाने के लिए आए थे लेकिन जब उनका सपना साकार नहीं हो सका। तो उन्हें मजबूरन इस मार्केट का हिस्सा बनना पड़ा। लेकिन जो भी मर्द इस मार्केट के हिस्सा बने हैं। आज तक उन्हें कभी भी इस बात का अफसोस नहीं हुआ कि उन्हें खुद को बेच कर पैसा कमाना पड़ रहा है क्योंकि वे जानते हैं कि इससे आसान रास्ता पैसा कमाने का कोई और नहीं हो सकता है। 

यही कारण है कि मुंबई का जिगोलो मार्केट दिल्ली के जिगोलो मार्केट की तरह आज के समय में विकसित होता चला जा रहा हैं। मुंबई में मर्दों की बोली आज के समय में भी देर रात तक लगती है और वहां पुरुष पैसे भी कमा भी रहे हैं।

ऐसे चलता है पुरुष देह व्यापार का धंधा |10000/- में लगती है पुरुषों का बोली

अब सवाल यह भी उठता है कि क्या इस क्षेत्र में काम करने वाले पुरुष सुरक्षित है या नहीं। तो जवाब होगा नहीं क्योंकि जिगोलो मार्केट में खुद की बलि चढ़ा कर जो लड़के पैसे कमा रहे हैं। उन्हें भविष्य में एचआईवी एवं एड्स जैसी बीमारी से भी पीड़ित होना पड़ता है।

यहां तक की अपनी जान से हाथ भी कभी-कभी धोना पड़ता है। इसलिए हम यह नहीं कहेंगे कि जिगोलो मार्केट में काम करने वाले व्यक्ति सुरक्षित है या उन्हें उनकी जान की कोई क्षति नहीं होगी। क्षति तो है लेकिन पैसा भी बहुत है। अगर यह युवा पैसा बचत करके रखेंगे। तो भविष्य में जब यह बीमार पड़ेंगे। तो इसी पैसे को खर्च कर अपनी बीमारी को ठीक कर सकते हैं और भविष्य में चाहे तो उसी पैसे से खुद का बिजनेस भी कर सकते हैं।

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