बेशर्म होकर करो यें 4 काम
बेशर्म होकर करो यें 4 काम चाणक्य नीति के बारे में शायद आप सभी ने सुना होगा। अगर आप जानते हैं चाणक्य के नीति के बारे में तब आपको यह भी पता होगा कि चाणक्य के किताब में मनुष्यों से संबंधित सारी बातें की गई है। मनुष्य को कैसे चलना चाहिए, उसका व्यवहार कैसा होना चाहिए, पुरुषों एवं महिलाओं में क्या-क्या गुण होना चाहिए। इस तरह से बहुत सारी बातों का उल्लेख किया गया है।
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बेशर्म होकर करो यें 4 काम
वैसे एक बात और भी कहा गया है चाणक्य द्वारा कि पुरुषों को किन कामों को करने से बिल्कुल भी नहीं शर्माना चाहिए। आज हम इस विषय पर बातें करेंगे कि कि आखिरकार गुरु चाणक्य ने अपने नीति पुस्तक में कौन से तीन बातों को करने से एवं शर्माने से पुरुषों को बिल्कुल मना किया है। बेशर्म होकर करो यें 4 काम
जिंदगी में कभी भी चीजों को मांगने में शर्म नहीं करना चाहिए। इससे आपका ही बड़ा नुकसान हो सकता है। यदि आप अपनी जिंदगी को आसान बनाना चाहते हैं और सफल भी होना चाहते हैं। तो एक बात गांठ बांध लीजिए कि जिंदगी में जब भी जो चीज़ चाहिए होगी। उसे पाने के लिए आप अपनी पूरी एड़ी चोटी लगा दीजिएगा। ताकि आपको उस मुख्य कार्य में सफलता प्राप्त हो।
पति को कभी भी अपनी पत्नी से प्यार करने में शर्म नहीं करना चाहिए
किसी भी शादीशुदा जोड़े में प्रेम का होना अति आवश्यक होता है। यदि पति पत्नी में प्रेम नहीं होता है। तो वह संबंध टूटने के कगार पर खड़ा हो जाता है। इसलिए हमेशा पति एवं पत्नी दोनों को ही यह कोशिश करनी चाहिए कि वह अपने प्रेम संबंधों को मजबूत बनाए रखें।
जिस तरह से ताली दो हाथ से बजती है। उसी तरह से पति पत्नी को अपने प्रेम संबंध को ठीक रखने के लिए दोनों ओर से ही कोशिश करनी चाहिए। दोनों के बीच सलाह मशवरा हमेशा मजबूत होना चाहिए।
जो प्रेमी जोड़े एक दूसरे से प्रेम करने में शर्म करते हैं और संबंध के दौरान घबराते हैं। तो ऐसे समय में उनके बीच में कोई गैर पुरुष या महिला अपनी जगह बना सकती है। इसलिए संबंधों के दौरान शर्म बिल्कुल भी ना करें। पति पत्नी एक दूसरे को प्रेम करें इसी में आपकी भलाई है।
खाना खाते समय कभी शक ना करें
चाणक्य के अनुसार भोजन करते समय किसी भी व्यक्ति को शर्म नहीं करनी चाहिए। दोस्तों जिन लोगों को खाने में शर्म आती है। वह लोग हमेशा भूखे ही रह जाते हैं। यह मुसीबत बढ़ी परेशानी से कम नहीं होती है। इसलिए मनुष्यों को हमेशा पेट भर खाना खाना चाहिए और भोजन करते समय कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि खाना खाते वक्त शर्म करने से खाने के अपमान करने जैसा होता है।
कोई भी जानकारी लेते समय कभी भी शर्म ना करें
आचार्य चाणक्य के अनुसार अपने गुरु अर्थात उन लोगों से कभी शर्म नहीं करना चाहिए। जिनसे हम हर दिन कुछ ना कुछ सीखते हैं। इसलिए ज्ञान लेते समय कभी भी शर्माना नहीं चाहिए क्योंकि जो व्यक्ति ज्ञान लेते समय शर्म करता है। उसका ज्ञान हमेशा अधूरा रह जाता है और ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में कभी सफल हो ही नहीं सकता। इसलिए कहा जाता है कि ज्ञान आप की सबसे बड़ी जीत होती है।
इसलिए कहा जाता है अधूरा ज्ञान आप की सबसे बड़ी हार होती है दोस्तों अब बात करते हैं। बेशर्म होकर करो यें 4 काम
उधार का पैसा मांगने में शर्म ना कीजिए
चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कभी भी किसी अन्य व्यक्ति को दिया हुआ धन हमेशा मांग लेना चाहिए और जो व्यक्ति अपना ही पैसा मांगने में शर्म करता है। उधार के पैसे मांगने में कभी भी शर्म ना करें क्योंकि दोस्तों को आपका पैसा है इसलिए आज अचानक ही सलाह देते हैं कि आप ऐसी गलती कभी ना करें।