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औरतों के बारे में क्या सोचते है आचार्य चाणक्य?

औरतों को कोई समझ नहीं पाया है। उनके दिखने के दांत और खाने के दांत अलग होते है। औरतों के बारे में क्या सोचते है आचार्य चाणक्य? आइए जानते है। हमारे समाज में औरत को देवी का दर्जा दिया जाता है और औरतों को परिवार का सम्मान माना जाता है शायद इसलिए कहा जाता है कि औरत ही वो है जो घर को स्वर्ग या नरक बना सकती है। हमारे समाज में औरतों को घर की लक्ष्मी माना जाता है ।

औरतों के बारे में आचार्य चाणक्य कहते है कि एक चरित्रवान औरत आपके जिंदगी को स्वर्ग बना सकती है लेकिन एक चरित्रहीन औरत आपको घर और समाज में निंदा का पात्र बना देती है।

औरतों के बारे में क्या सोचते है आचार्य चाणक्य?

चाणक्य नीति में आपको ऐसे कई तरीक़े उपलब्ध मिल जाएंगे जिसकी मदद से आप औरतों के चरित्र के बारे में जान सकते है । बहुत सारे पुरुष ऐसे है जो कि औरतों के चरित्र के बारे में जानने के लिए चाणक्य नीति का अध्ययन करते है । आज के इस आर्टिकल में भी हम आपको  औरतों के बारे में चाणक्य नीति से संबंधित जानकारियाँ देने वाले है :- 

चरित्रहीन महिला

चाणक्य नीति के अनुसार जो महिलाएं दूसरों पुरुषों से बिना किसी झिझक के आसानी से बात करती है वैसी महिलाएं चरित्रहीन होती है। चरित्रहीन महिलाओं की यह पहचान होती है कि वे एक से अधिक पुरुषों के साथ प्रेम प्रसंग बनाने में जरा भी संकोच नही करती है । ऐसी स्त्रियां अच्छे खासे घर को बर्बाद कर देती है और अपने परिवार का सिर शर्म से झुका देती है।

अहंकारी स्त्री

चाणक्य नीति कहती है कि अहंकारी स्त्रियां भी अपने घर के विनाश का कारण बनती है क्योंकि ऐसी स्त्रियां छोटी छोटी बातों पर बहुत ही ज्यादा क्रोधित हो जाती है जिससे वे अपने परिवार वालो या पति की कही गई बातों को बिलकुल भी बर्दाश्त नही कर पाती है जिससे छोटी छोटी बातों पर भी घर में क्लेश मच जाता है। 

अविश्वास पात्र स्त्री

 इसके अलावा जिन महिलाओं की जुबान और आंखें तालमेल नही खाती वैसी स्त्रियों पर बिल्कुल भी विश्वास नही किया जा सकता है क्योंकि ऐसी स्त्रियां कभी भी धोखा दे सकती है। इनके दिल में कुछ और रहता है और जुबान पर कुछ और रहता है इसलिए ऐसी औरतों से दूरी बनाए रखनी चाहिए और इन पर कभी भी भरोसा नही करना चाहिए।

चाणक्य नीति कहती है कि औरतों का मन बहुत ही चंचल होता है इसलिए उन पर भरोसा नही किया जा सकता है या उनसे इस बात की उम्मीद बिल्कुल भी नही की जा सकती कि वे किसी राज की बात को दिल में दबाकर रख पाएगी। यही कारण है कि आचार्य चाणक्य औरतों को गुप्त बाते बताने के लिए मना करते है।

शारीरिक विवरण

चाणक्य नीति में औरतों का सारी शारीरिक विवरण भी दिया गया है जिससे आप अच्छे गुणों वाली औरत अथवा चरित्रहीन औरतों की पहचान कर सकते है। चाणक्य नीति के अनुसार, जिन स्त्रियों के पैर का पिछला हिस्सा ज़्यादा मोटा होता है उन औरतों को घर के लिए अशुभ माना जाता है।

उन औरतों के घर में कभी बरकत नही होती और हमेशा दरिद्रता छाई रहती है। इसके ठीक विपरीत अगर औरत के पैर का पिछला हिस्सा अत्यधिक पतला है तो उन स्त्रियों को अपने जीवन में बहुत ही ज्यादा पीड़ा का सामना करना पड़ता है। 

लालची औरत

चाणक्य नीति के अनुसार, स्वभाव से लालची औरत आपके जीवन को बर्बाद कर सकती है । ऐसी स्त्रियों में संतुष्टि नही होती है जिस कारण उनकी अनेक प्रकार की मांगे होती है जिसे पूरा करते करते घर का विनाश हो जाना संभव है। लालची औरतें कभी भी थोड़े में गुजारा नही कर पाती है और हमेशा दूसरों की खुशियों से जलती रहती है।

ऐसी स्त्रियों के कारण उनके परिवार वालों को भी समाज में शर्मिन्दगी का सामना करना पड़ जाता है। ऐसे विचार वाली औरतों को जब उनके मन के अनुरूप चीजे नही मिल पाती है तो ये विक्राल रूप ले लेती है जिस काऱण घर की सुख औऱ शांति नष्ट हो जाती है। 

अज्ञानी स्त्री

  आचार्य चाणक्य अपने चाणक्य नीति में कहते है कि अज्ञानी स्त्री से कभी भी विवाह नही करना चाहिए। ऐसी औरतें अपनी अज्ञानता के कारण कभी कभी अपने परिवार को भी खतरे में डाल देती है अथवा सही समय आने पर इस बात का निर्णय नही ले पाती है कि उसे क्या करना चाहिए जिसका भुगतान उसके परिवार वालो को करना पड़ सकता है। इसके ठीक विपरीत ज्ञानी औरत अपने परिवार को सही दिशा में लेकर जाती है और मुश्किल वक़्त आने पर सही गलत का निर्णय लेने में सक्षम होती है।     

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