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फाल्गुन अमावस्या पर करें ये काम मनचाहा जोड़ीदार मिलेगा

फाल्गुन अमावस्या विशेष

माघ महीना खत्म होने को है और फाल्गुन का प्रथम दिन ही शिव शंभू के दिन से शुरू होने वाला है। उसके दूसरा दिन ही फाल्गुन महीने का प्रथम अमावस्या है। जो बहुत ही शुभ होने वाला है। फाल्गुन महीने का अमावस्या यदि कृष्ण पक्ष वाले दिन आता है। तो उसे ये अमावस्या ही कहा जाता है। ठीक उसी प्रकार इस वर्ष फाल्गुन महीने में जो प्रथम अमावस्या आ रहा है। वह कृष्ण पक्ष में ही आ रहा है। इसलिए इस बार इस अमावस्या का नाम फाल्गुन अमावस्या ही पड़ा है।

फाल्गुन अमावस्या की तिथि

इस तिथि में गंगा स्नान करना शुभ माना गया है शास्त्रों में। साथ ही दान पूर्ण करने की भी बात कही जाती है।
शिवरात्रि तिथि समाप्त होने के बाद जब मध्य रात्रि में अमावस्या लगेगी तो वह समय होगा रात्रि का 1:00 बजे।

क्या महत्व होता है फाल्गुन अमावस्या का?

धार्मिक ग्रंथों की यदि बात की जाए तो उन ग्रंथों में कहा गया है कि पवित्र नदियों में देवी देवताओं का वास होता है। यदि अमावस्या वाले दिन कोई व्यक्ति पवित्र नदी में स्नान करता है। तो उसे देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस तिथि के दिन भोलेनाथ एवं श्री कृष्ण भगवान की पूजा अर्चना की भी बात कही गई है।इस अमावस्या पर पूजा करने पर मनचाहा जोड़ीदार मिलेगा

इस बार फाल्गुन अमावस्या का क्या महत्व है?

फाल्गुन अमावस्या के पहले दिन शिवरात्रि तिथि है। इसलिए यह अमावस्या बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। कहा जा रहा है कि फाल्गुन की अमावस्या दिन इस बार शिव एवं सिद्ध योग का विशेष योग बन रहा है। जिसके वजह से जो भी भक्त फाल्गुन अमावस्या वाले दिन उपवास रखेंगे। उस दिन उनको उनके व्रत का दुगुना लाभ प्राप्त होगा।

बहुत सारे जगह पर फाल्गुन अमावस्या वाले दिन पितरों के लिए विशेष पूजा की जाती है। उनको तिल का दान कर तर्पण भी किया जाता है।

हर अमावस्या की तरह इस बार के अमावस्या के दिन भी जो व्यक्ति पवित्र नदियों में स्नान करेंगे। उन्हें देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

और विशेष बनाने के लिए क्या-क्या करना चाहिए?

यदि आप इस अमावस्या का भरपूर लाभ उठाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अच्छे अच्छे कार्य करने होंगे। जिसके फलस्वरूप आपको ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

सबसे पहला कार्य जो आपको फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह उठकर करना है। वह है किसी पवित्र नदी के जल से स्नान करना होगा। स्नान करने के पश्चात आपको अपने पितरों को याद करना होगा। यदि आप चाहे तो उनका तर्पण भी कर सकते हैं।

फाल्गुन अमावस्या पर करें ये काम, मनचाहा जोड़ीदार मिलेगा

यदि आप चाहते हैं कि आपके पितरों की आत्मा को शांति मिले तो इसके लिए आपको किसी व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने होगी। ऐसा तभी हो पाएगा। जब आप किसी दीन हीन गरीब की मदद करेंगे। उन्हें दान पुण्य में कुछ भेंट करेंगे।

इस बार अमावस्या के दिन भगवान शिव एवं सिद्ध योग का योग बन रहा है। इसलिए यदि संभव हो तो आप किसी शिव मंदिर में जाकर शिव जी की पूजा अर्चना कीजिए। उनके ऊपर दूध एवं बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं। साथ ही तिल दान अवश्य कीजिए।

आमतौर पर अमावस्या के दिन को शनि भगवान का दिन भी माना जाता है। इसलिए इस दिन उनकी पूजा-अर्चना करना बिल्कुल भी ना भूलें। यदि आप मंदिर नहीं जा सकते। तो मन ही मन उनको याद कर उनकी पूजा-अर्चना कीजिए। शनि भगवान के सभी प्रिय चीजों का दान अवश्य कीजिए।

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