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पति मुझपर शक करता है। क्या करू ?

मै एक शादीशुदा महिला और 3 बच्चों की माँ हु। मेरे पति ड्रायवर है। और उनको शराब की आदत भी है। वैसे तो पैसों की कोई कमी नहीं है। मगर उनको मुझपर बिल्कुल भरोसा नहीं है। मुझे बिना बताए ही अचानक घर पर वक्त बेवक्त आते है। पड़ोसियों से मेरे बारे में पूछताछ करते है। किसी फोन कॉल पर भड़क जाते है। मुझे समझ में नहीं आ रहा है, की इस स्थिति में मै कैसे घर संभालु। मुझे मेरे बच्चों के भविष्य की चिंता है।

हमारी सलाह : पति जब औरत के चरित्र पर उंगली उठा तब क्या करना चाहिए

संदेह हर रिश्ते का सामान्य हिस्सा है। लेकिन जब एक औरत नौकरी करने के साथ-साथ अपने बच्चों की सभी जिम्मेदारियां भी ईमानदारी से निभा रही हैं। तब पति चरित्र पर संदेह और शारीरिक यातना दें,उसे उसके मायके भी न जाने दें। तब उसे क्या करना चाहिए? यह सवाल बहुत ही महत्वपूर्ण है।

पुरूषवादी मानसिकता के कारण वह ऐसा करता है

आज भी हमारे समाज में कुछ पुरुषवादी मानसिकता वाले लोग मिल जाते हैं। जो अपनी पत्नी को समाज में आगे बढ़ता हुआ बिल्कुल भी नहीं देख पाते हैं। एक पुरुष अपनी पत्नी के साथ ऐसा दुर्व्यवहार तब करता है। जब उसे अपने पत्नी के कर्तव्य से हिंसा होती है। तब वह ऐसे दुष्कर्म करने पर उतर आता है। ताकि उसकी पत्नी नौकरी पर ना जाएं। 

दुर्व्यवहार कर पुरुष अपना सब कुछ खो बैठता है

लेकिन वास्तव में ऐसा करके वह अपना ही नुकसान कर बैठता है। एक पत्नी यदि नौकरी करें तो वह संसार में भी कुछ पैसा देकर अपने पति की मदद करती है। 

ऐसे में यदि पति को संदेह हो कि उसकी पत्नी बाहर कोई अफेयर चला रही है। तो यह उसके पति की छोटी मानसिकता है।

पत्नी को ऐसे पति का घर छोड़ देना चाहिए

एक शादीशुदा नारी जो पूर्ण रूप से किसी पर भी निर्भर नहीं है। खुद की नौकरी करती है। यदि वह अपनी पत्नी की यातनाएं झेलती हैं। तो उसे ऐसे वक्त पर पति का घर छोड़ देना चाहिए। 

जिस घर में उसके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है। उसे अपने बच्चों को लेकर अलग हो जाना चाहिए। 

अब सवाल यह उठता है कि ऐसी परिस्थिति में पत्नी कानूनी कार्रवाई कर सकती है या नहीं?

जवाब है हां एक पत्नी जिसका शारीरिक शोषण पति द्वारा होता है उसे किसी चीज के लिए रोका जाता है तो वह कानूनी रूप से अपने पति पर केस कर सकती है।

कानूनी धारा 498 के तहत महिला केस दर्ज कर सकती है

संविधान की धारा 498 के तहत एक पत्नी अपने पति या उसके घर वालों के खिलाफ केस दर्ज कर सकती हैं। यदि उसके साथ किसी भी तरीके का शोषण होता है।

हिंदू माइनोरिटी एंड गार्डियनशिप एक्ट के तहत मां अपने बच्चों को अपने पास रख सकती हैं

यदि बच्चे की मां पढ़ी-लिखी हैं एवं रोजगार करती हैं तो अदालत उन्हें बच्चे को अपने पास रखने की अनुमति देता है। इसके साथ ही यह नियम भी है कि यदि बच्चा 5 साल के कम उम्र का है। तो वह अपने मां के पास रहता है।

वहीं यदि बच्चा 9 साल से अधिक वर्ष का है तो उसे अदालत में यह कहने का पूरा हक है कि वह अपनी मर्जी से किसके पास रहना चाहता है। उस अनुसार ही अदालत अपना फैसला सुनाता है।

तलाक भी आसानी से मिल जाएगा

एक महिला अपने पति से भिन्न-भिन्न कारणों से तलाक ले सकती हैं। यदि उस पर शारीरिक शोषण होता है। तो वह यह कारण दिखाकर अदालत से पति से तलाक ले सकती है।

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आज हमारे समाज में संदेह के कारण कई शादीशुदा जोड़े तलाक ले लेते हैं। पुरुष जो अपनी पत्नी की सफलता पर खुश नहीं होता। वह अपनी पत्नी को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं। पर हर महिला अपने पति के अत्याचार को सहन नहीं करती हैं।

कुछ महिलाएं घर परिवार के डर से चुप रह जाती हैं और शोषण का शिकार होती हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं। जो शोषण के खिलाफ खुलकर आवाज उठाती हैं और कानून से न्याय भी प्राप्त करती हैं।

इसलिए आवाज उठाना सीखे ना कि परिवार और समाज के डर से शोषित होते रहें। यदि आप ऐसा करती हैं। तो आप अपना ही नुकसान करती हैं।

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