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गर्भवती महिला और ग्रहण | क्या करें क्या ना करें ग्रहणकाल में

दोस्तों ग्रहण के विषय में लोगों की आम धारणा यह होती है कि ग्रहण का प्रभाव प्रकृति में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा देता है। इसलिए सभी को सलाह दी जाती है कि ग्रहण के समय सावधानी बरतें। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को ऐसे समय में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण विशुद्ध रूप से वैज्ञानिक कारणों से होता हैं। लेकिन धार्मिक मान्यताओं में ग्रहण को वैज्ञानिक तथ्य नहीं माना जाता है, बल्कि अशुभ माना जाता हैं। इसलिए धर्म से जुड़े लोग ग्रहण के समय में कोई धार्मिक कार्य नहीं करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बहुत से लोग ग्रहण से पहले ही स्नान कर लेते हैं। बहुत से लोग सोचते हैं कि प्रेगनेंट महिलाओं के गर्भावस्था पर भी ग्रहण का बुरा असर पड़ता है।

गर्भवती महिला और ग्रहण | क्या करें क्या ना करें ग्रहणकाल में

 इसलिए इस दिन जो मां बनने वाली होती हैं उन्हें कुछ नियमों का पालन करने के लिए कहा जाता है। यह नियम प्राचीन काल से ही चला आ रहा है। कहा जाता है कि ग्रहण काल में गर्भस्थ शिशु पर सूर्य की किरणों का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण आज तक नहीं है।

ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करना होता है। वह नियम क्या है? आइए जानते हैं-

ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को आराम नहीं करना चाहिए

ऐसा हमेशा कहा जाता है कि एक गर्भवती महिला को सबसे ज्यादा अपना ख्याल तब रखना चाहिए। जब ग्रहण चल रहा होता है। ग्रहण के कुछ मिनट में यदि गर्भवती महिला से कुछ भी गलती होती है। तो उसका सीधा असर उसके होने वाले बच्चे के ऊपर पड़ जाता है। इसलिए ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को भूल से भी नहीं सोना चाहिए।

यदि महिला भूल से भी गर्भ कालीन परिस्थिति में ग्रहण में सो जाती है। तो उसका बच्चा जन्म जब लेता है। तो वह अच्छा भाग्य लेकर नहीं जन्म लेता है। ग्रहण काल के दौरान उसकी मां से हुई गलती का असर उसके राशि चक्र पर पड़ जाता है। इससे उसका भूत, भविष्य और वर्तमान सब बिगड़ जाता है। इसलिए बार-बार गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी में सोने के लिए मना किया जाता है।

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान खाना भी नहीं खाना चाहिए

ग्रहण काल में प्रेगनेंट लेडी को कुछ ना खाने की भी सलाह दी जाती है। लेकिन कभी-कभी ग्रहण काल का समय बहुत लंबा हो जाता है।  लंबे समय तक यदि गर्भवती महिला कुछ नहीं खाएंगी। तो उसका असर भी उनके बच्चे पर एवं उन पर पड़ता है। ऐसे समय में उनको सूतक काल से पहले अपने खाने में कुश डाल लेना चाहिए। कुश का आसन भी बनता है। यदि आपको कुश ना मिलें। तो कोई दिक्कत नहीं है। आप ग्रहण लगने से पहले ही अपने खाने में तुलसी पत्ता का प्रयोग कर लें और यदि बहुत जरूरी ना हो। तो ही ग्रहण काल में गर्भवती महिला को खाना चाहिए। अन्न पदार्थ ग्रहण करने के स्थान पर कोशिश करना चाहिए। लिक्विड खाद्य पदार्थ जैसे शरबत, पानी इत्यादि पीने की कोशिश करें। उसमें तुलसी पत्ता पहले ही डालें ताकि ग्रहण के प्रभाव से आप एवं आप का बच्चा सुरक्षित रह सकें।

मोबाइल फोन का भी प्रयोग गर्भवती महिला को ग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए

किसी ग्रहण हो चाहे ना हो गर्भावस्था में महिलाओं को ज्यादा मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। कारण  मोबाइल फोन से कुछ ऐसी ऊर्जा निकलती है। जिसका असर बच्चे पर पड़ सकता है। इसलिए जितना हो सके गर्भवती महिलाओं को सामान्य दिनों में भी मोबाइल से दूर रहना चाहिए और खासकर ग्रहण के दौरान तो बहुत ज्यादा।

इन ग्रहण के दौरान जो भी नकारात्मक उर्जा प्रकृति से निकलती है। वह मोबाइल फोन कैप्चर कर लेता है और मोबाइल फोन जैसे ही उन ऊर्जा को कैप्चर करता है। वह ऑटोमेटिक आपके आसपास ऊर्जा को स्प्रेड कर देगा। इससे आपको एवं आपके बच्चे को ग्रहण काल में खतरा ज्यादा हो सकता है। इसलिए ग्रहण काल में टाइम पास के लिए तो बिल्कुल भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल ना करें।

कभी भी ग्रहण को देखने की भी कोशिश नहीं करना चाहिए

जब ग्रहण लगता है, तब बहुत सारे लोगों के मन में एक उत्सुकता जागती हैं कि वह ग्रहण को देखेंगे। लेकिन उनकी यही उत्सुकता उनको खतरे में डाल सकती है खासकर उनको जो गर्भवती है। गर्भवती अवस्था में कभी भी महिलाओं को ग्रहण देखने की इच्छा अपने मन में नहीं रखनी चाहिए। यदि वह गलती से भी ग्रहण की ऊर्जा को देख लेती है।

तो उसका असर उनके बच्चे पर सीधा पड़ता है। जब बच्चा जन्म लेता है। तो वह पूरी तरह से कमजोर पैदा होता है। जो उसे एक आम बच्चे से अलग बना देता है। इसलिए यदि अपने बच्चे का अच्छा स्वास्थ्य चाहती हैं। तो कभी भी गर्भवती महिलाएं भूल से भी ग्रहण की रोशनी को या ग्रहण को देखने की इच्छा अपने मन में ना रखें।

निष्कर्ष

ग्रहण काल में ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को ईश्वर का नाम लेना चाहिए। ग्रहण काल में जितना भगवान का नाम लिया जाएगा उतनी आपको शांति प्राप्त होगी। यहां तक कि आपको भूख नहीं लगेगी आपको प्यास नहीं लगेगी। आपका ध्यान बार-बार इधर-उधर नहीं भटकेगा। एक जगह आपका ध्यान केंद्रित रहेगा। इससे आप ग्रहण काल में सुरक्षित भी रहेंगी। आप जो जाप करेंगी आपको उसका फल भी मिलेगा। आपको नींद नहीं आएगी और ना ही ग्रहण के कारण कोई बुरा असर आपके ऊपर पड़ेगा।

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